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The IVF Cycle |
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टेस्ट ट्यूब बेबी |
इस
लेख में हमने यह बताया है
कि किस प्रकार टेस्ट ट्यूब प्रक्रिया के माध्यम से
महिला के अंडाशय से
अंडों को अलग कर
शरीर के बाहर लैब में पुरुष के शुक्राणुओं के
साथ निषित किया जाता है और इसके
बाद तैयार भूण को महिला के
गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है। प्राकृतिक रूप से औरत के
अंडाशय से एक महीने
के दौरान एक ही अण्डा
बनता है लेकिन आई
वी एफ तकनीक की
सहायता से ज्यादा अण्डे
बनाये जाते हैं ताकि ज्यादा संख्या में स्वस्थ भ्रूण बनाये जा सके, आई
वी एक लैब में
पुरुष के वीर्य से
पुष्ट शुक्राणु अलग किये जाते है। इसके लिए एक अंडे को
पकड़कर उसके अन्दर एक शुक्राणु को
रिजेक्ट किया जाता है। फर्टिलाइजेशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद विकसित
भ्रूण को अल्ट्रासाउंड ।
इमेजिंग की निगरानी में
औरत के गर्भाशय में
प्रत्यारोपित कर देते है।
यहाँ पर यह बताना
जरुरी है कि इस
प्रक्रिया में कोई दर्द नहीं होता है और न
ही किसी प्रकार का ऑपरेशन किया
जाता है। अंग प्रत्यारोपण के बाद भूण
का विकास ठीक वैसे ही होता है
जैसे कि प्राकृतिक गर्भधारण
में होता है, इस प्रकार जिस
बच्चे का जन्म होता
है उसे टेस्ट ट्यूब बेबी भी कहा जाता
है।
The doctor is very humble with her patient. We are blessed with a healthy baby under her supervision and everything went so smoothly. She gives enough time to my wife and builds up confidence. Thank you so much.
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