पीसीओडी समस्या बन सकती है गर्भधारण में बाध
Shivam IVF Centre Delhi “ पॉली सिस्टिक ओवरी सिंड्रोम ” या “ पॉली सिस्टिक ओवरी डिसऑर्डर ” एक ऐसी आरोग्य स्थिति है जो आमतौर पर रिप्रोडक्टिव उम्र कीमहिलाओं में हॉर्मोनल असंतुलन के कारण पाई जाती है । पीसीओडी में अंडाशय की बाहरी दीवार पर गाँठ बन जाती है जिसकी वज़ह से महिलाके हॉर्मोन स्तर में असंतुलन उत्पन्न हो सकता है | इस हार्मोनल असंतुलन की वज़ह से महिला अनियमित या अत्यधिक माहवारी जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ सकता है | पीसीओडी के अन्य कुछ लक्षण है चेहरे पर बाल आना , मुहांसे और तैलीय त्वचा , बालो का झड़ना इत्यादि | इसके अलावा उच्च रक्तचाप , मधुमेह दूसरे हॉर्मोन्स का असंतुलन भी इसके बढ़ने पर हो सकते हैं। हॉर्मोन का महिला की प्रजनन क्षमताओं पर सीधा असर पड़ता है और इनमे असंतुलन के कारण महिला को निःसंतानता या बार - बार गर्भपात कासामना